Worldआस्था

ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा हॉस्पिटल : मरीज के प्रति दिख रहा लापरवाही 24 तारीख से एडमिट को 29 तारीख तक नहीं उपचार

क्राइम रिपोर्टर :हरवीर सिंह 9718976101

ग्रेटर नोएडा स्थित : शारदा हॉस्पिटल प्लॉट नंबर 32 से 34 नॉलेज पार्क थर्ड
टाइफाइड डेंगू मलेरिया जैसे मरीजों के लिए भी उपचार हेतु बरती जा रही बड़ी लापरवाही
स्पीड इंडिया न्यूज़ पत्रकार हरवीर सिंह ने 27 तारीख की सुबह को 5:45 बजे बाल विभाग (पीडियाट्रिक) बी ब्लॉक की कवरेज की वीडियो में स्पष्ट देखा जा रहा है कि मरीजों की लाइट ऑन है लेकिन स्टाफ की लाइट बंद उपरोक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे को विशेष उपचार की जरूरत होती है जिसमें 24 घंटे देख रेख की जरूरत होती है लेकिन स्टाफ कितना बच्चों के प्रति संवेदनशील है यह सब 26 तारीख की 11am से 27तारीख समय5.45 तक शारदा हॉस्पिटल कैमरे से फुटेज ले सकते हैं जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा और यह भी पता चल जाएगा कि गार्ड भी अपने कार्य के प्रति कितने संवेदनशील है रात को गार्ड भी सो जाते हैं
11:00 बजे के बाद सभी ग्लूकोस बॉटल हटा दी जाती है और स्टाफ भी सो जाता है जहां तीन चार नर्सिंग स्टाफ रहता है और 2pm के 😞 बाद स्टाफ सोता रहता है
गार्ड भी अपने कार्य के प्रति लापरवाही दीजिए उसकी भी वीडियो खुद कोई भी अस्पताल के कमरे में देख सकते हैं
सिर्फ गार्ड नाम के लिए ही है गार्डन सिर्फ उपचार के लिए यदि कोई मरीज की तरफ से बोल देता है तो उसे गार्ड  बाहर भगाने का कार्य करते हैं नेकी स्टाफ को समझने का

उपचार स्थित 24 एक्सप्रेस  न्यूज़ प्रधान संपादक आशीष सिंगल जी ने 2 घंटे 26 सितंबर को बैठ स्वयं सुपरविजन किया जो 2 घंटे तक मरीज के पास कोई b भी स्टाफ  उपचार हेतु बेड नंबर 35पर नहीं आया

उपयुक्त स्थिति देख संपादक भी हैरान रह गए

9718976101

दूसरा उद्धरण : एक बार मरीज 24 तारीख को भर्ती हुआ जिसका नाम रितेश है आप नंबर 514071

उसके सर में चक्कर आते थे को दिखाने सॉन्ग उसकी माता आई उसे बोला कि इस भर्ती कर दो तब उसने तत्काल पेटीएम द्वारा 3550 +700रुपए देकर पेटीएम द्वारा पेमेंट कियाइलाज के लिए अस्पताल रखा लेकिन 29 तारीख तक कोई भी इलाज शुरू नहीं किया जिसकी डिटेल बच्चों की माता खुद दे रही है उसे खेद है कि कैसे अस्पताल में भर्ती किया गया 8931964380

बच्चों की मां समान का कहना है कि हम पति-पत्नी कार्य करते हैं अब मैं अकेली अस्पताल में पड़ी हूं यह देख लीजिए कि मेरे दो बच्चे हैं कितनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है डॉक्टर से कहते हैं तो सुनने का नाम नही लेते ऐसी अस्पताल में कितने मरीज हैं जिनकी शुद्ध लेने को कोई तैयार नहीं कितने रुपए की टेस्ट करवा दिया और

 

Related Articles

Back to top button