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Global institute:अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन बैठक मैं  विद्यार्थियों ने अपना हुनर दिखाया ,!प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और शिक्षा में टिकाऊ अभ्यास: एक लचीले भविष्य का निर्माण

खबर :हरवीर सिंह 9718976101

Global institute:अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन बैठक मैं  विद्यार्थियों ने अपना हुनर दिखाया ,!प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और शिक्षा में टिकाऊ अभ्यास: एक लचीले भविष्य का निर्माण

का विषय :-
प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और शिक्षा में टिकाऊ अभ्यास: एक लचीले भविष्य का निर्माण (SPTME 2023)

जिसमें बच्चो ने अपना हुनर दिखाते हुए बताया कैसे हम

[30/10, 9:14 pm] U tube Ayush Gupta: मेरा नाम आयुष गुप्ता है, आज मैं आपके सामने स्मार्ट सिटी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आया हूं। पिछले कुछ दिनों में मैंने देखा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ रहे हैं।
और यह भारत सरकार का मिशन भी है इसके साथ ही लोग स्मार्ट चीजों का भी उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनका समय भी बच रहा है।
तो मैं आपके लिए उसी से सम्बंधित जानकारी लेकर आया हूँ,
जैसे ट्रैफिक सिस्टम, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और सेंसर्स के बारे में कुछ जानकारी दूंगा जिसका इस्तेमाल भविष्य में किया जा सकता है।

ट्रैफ़िक

भारत एक विकासशील देश है और यह तेजी से बढ़ रहा है। और स्मार्ट सिटी भी बहुत तेजी से विकसित हो रही हैं। इसलिए, जहां तक बढ़ते देश और बढ़ते राष्ट्र का सवाल है, ऑटोमोबाइल बाजार तेजी से बढ़ रहा है। हमारे यहां बहुत ज्यादा ट्रैफिक है. और ट्रैफिक हम सभी के लिए एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. ट्रैफिक में इतनी वेटिंग एक बड़ी समस्या है, चाहे ट्रैफिक कम हो या बहुत ज्यादा इंतजार करना पड़े, हम इस समस्या को IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) की मदद से हल करेंगे। हम मजबूत सड़क में सेंसर लगाएंगे और सीसीटीवी कैमरों से ट्रैफिक पर भी नजर रखेंगे। अगर ट्रैफिक सघन नहीं है तो कंप्यूटर कैमरे और सेंसर के डेटा को पढ़ेगा और इसकी मदद से सिग्नल की टाइमिंग को एडजस्ट करेगा और सिग्नल की टाइमिंग कम हो जाएगी। यदि ट्रैफिक कम है तो समय को तदनुसार समायोजित किया जाएगा, जिससे अलग-अलग तरफ सिग्नल पर इंतजार कर रहे लोगों का समय बचेगा।
[30/10, 9:14 pm] U tube Ayush Gupta: आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स)
मेरा नाम सौम्या तिवारी है, आज मैं आपको कुछ ऐसी जानकारी बताऊंगी जिसे हम IOT की मदद से लोगों को कई समस्याओं से बचा सकते हैं।
तो अब मैं आपको स्वास्थ्य संबंधी जानकारी बताने जा रहा हूं।
कुछ जगहों पर दुर्घटना हो जाती है और हालत इतनी गंभीर होती है कि बो एम्बुलेंस बुलाने की स्थिति में नहीं होता है, जिससे उसकी मौत हो जाती है।
हम IOT की मदद से इसे रोक सकते हैं, हम एम्बुलेंस में पूरा अस्पताल फिट करेंगे, और उस एम्बुलेंस को एक एप्लिकेशन से जोड़ देंगे, अगर कहीं किसी का एक्सीडेंट हो जाता है और उसे बचाने वाला कोई नहीं है और उस स्थिति में कोई रास्ता नहीं है कि बो एंबुलेंस को कॉल कर सकता है, इस समय अगर उसके फोन में बो एप्लीकेशन इंस्टॉल है जो एंबुलेंस को कनेक्ट कर देगी तो वह एंबुलेंस उस तक पहुंच जाएगी और उसकी जान बच जाएगी।
हम IoT की मदद से ऐसा कर सकते हैं
[30/10, 9:14 pm] U tube Ayush Gupta: सेंसर
मेरा नाम अनमोल तिवारी है
आज मैं कुछ ऐसी जानकारी लेकर आया हूँ जिससे स्मार्ट सिटी और विकसित होंगी। मैं आपको सेंसर के बारे में बताऊंगा और इसकी मदद से हम क्या नई चीजें कर सकते हैं।
सेंसर की मदद से हम बड़े-बड़े काम छोटे तरीके से करते हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए सेंसर द्वारा की गई चीजों को अपडेट करने की कोशिश की गई है।
मैं बात करूंगा एस्केलेटर की, इसमें लोगों को देखकर अपने आप चालू हो जाता है लेकिन कुछ मामलों में इसके नुकसान भी हैं।
जिन लोगों की उम्र 60+ है या उनका शारीरिक शरीर ठीक से काम नहीं कर पाता है वे एस्केलेटर का उपयोग नहीं कर पाते हैं, एस्केलेटर की गति उतनी ही होती है जिसके कारण वे अपने पैर नहीं रख पाते हैं,
इसलिए हमने सीसीटीवी और सेंसर की मदद से उससे संबंधित कुछ सोचा है।’
एस्केलेटर में लगे सेंसर और सीसीटीवी सामने वाले व्यक्ति का पता लगा लेंगे कि उसकी उम्र और शारीरिक स्वास्थ्य क्या है, उसी हिसाब से एस्केलेटर धीमा हो जाएगा और आसानी से सर्विस दी जा सकेगी।
इससे वरिष्ठ नागरिकों को काफी मदद मिलेगी

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